पंजाब नेशनल बैंक से जुड़ी बड़ी खुशखबरी! जीरो बैलेंस पर भी नहीं लगेगा कोई शुल्क, जानिए नया नियम

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पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपने लाखों ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए एक अहम फैसला लिया है। बैंक ने 1 जुलाई 2025 से सभी बचत खातों (Saving Accounts) के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस (Minimum Average Balance – MAB) नियम को समाप्त कर दिया है। अब यदि किसी खाताधारक के खाते में जीरो बैलेंस भी रहता है, तो बैंक कोई पेनाल्टी या शुल्क नहीं वसूलेगा।

यह फैसला देश के निम्न आय वर्ग, किसानों, महिलाओं और विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो अक्सर खातों में न्यूनतम राशि बनाए रखने में कठिनाई महसूस करते हैं।

अब Zero Balance पर भी बैंकिंग सेवाएं मुफ्त

PNB की नई नीति के अनुसार अब ग्राहकों को Zero Balance Account की सुविधा दी जाएगी। यानी यदि आपके खाते में कोई राशि नहीं है, फिर भी आप बैंकिंग सेवाओं जैसे:

  • ATM/Debit Card
  • Net Banking
  • Mobile Banking
  • UPI ट्रांजैक्शन
  • पासबुक अपडेट
  • मिनी स्टेटमेंट

जैसी सुविधाओं का मुफ्त में लाभ उठा सकते हैं।

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किसे मिलेगा सबसे ज़्यादा लाभ?

इस नए नियम से सबसे ज़्यादा फायदा इन वर्गों को मिलेगा:

  • ग्रामीण क्षेत्र के किसान
  • महिलाएं, घरेलू कार्य करने वाली महिलाएं
  • छात्र और बेरोजगार युवा
  • कम आय वर्ग के श्रमिक
  • डिजिटल बैंकिंग को प्राथमिकता देने वाले ग्राहक

अब इन सभी को बिना किसी दबाव के खाता चलाने की आज़ादी मिल गई है।

पहले क्या था नियम?

PNB के पुराने नियमों के अनुसार:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में ₹500, अर्धशहरी में ₹1000 और शहरी खातों में ₹2000 का मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी था।
  • यदि ग्राहक ऐसा नहीं कर पाते, तो ₹50 से ₹250 तक का Penalty Charge हर महीने लगता था।
  • GST जोड़ने पर यह राशि और बढ़ जाती थी।

अब इन सभी शुल्कों को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।

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यह नियम कब से लागू हुआ?

1 जुलाई 2025 से यह नया नियम प्रभावी हो गया है। अब नया खाता खोलने वाले और पुराने खाताधारक – सभी को यह सुविधा स्वतः मिल जाएगी।

निष्कर्ष

Punjab National Bank (PNB) का यह कदम समावेशी बैंकिंग (Inclusive Banking) की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है। यह निर्णय उन लाखों ग्राहकों के लिए राहत लेकर आया है, जो अब तक मिनिमम बैलेंस न रख पाने के कारण बैंकिंग सेवाओं से वंचित रह जाते थे।

अब हर व्यक्ति – चाहे उसका खाता जीरो बैलेंस पर हो – न केवल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकेगा, बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त भी हो सकेगा।

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